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Desh bhakti ki kahani in hindi: Motivational Story

Desh bhakti ki kahani in hindi

Desh bhakti ki kahani in hindi- 

राजू  नाम का एक लड़का था।  उसे उसकी माँ , बहन और पिता बहुत प्यार करते थे। 

एक दिन वह बीमार हो गया। माँ , बहन और पिता जी बहुत चिंतित हो गए। माँ ने बीमारी की वजह से उसका चटपटा खाना बंद कर दिया था। 

परन्तु वह बार बार खाने की जिद करता तो उसकी बहन से नहीं रहा जाता था। माँ की नज़रो से बच कर चिल्ली पटैटो ले आयी। राजू अपनी बहन से कहता है , तुम बहुत अच्छी हो इंद्रा।  

यह बात अलग थी उसके बाद राजू  का बुखार और ज्यादा हो गया था। पर वह उसको  खिला तो चुकी थी , अपने भाई के मन  के लिए वह  अपने माता पिता के क्रोध  को सहने को तैयार  थी। 

भाई ने भी चिल्ली पटैटो की बात किसी को नहीं बताई।

कुछ दिनों बाद राजू का बुखार उतर गया। परन्तु इंद्रा के प्रेम की बात भाई के दिमाग में बैठ गयी। 

वह इंद्रा के साथ लड़ता झगड़ता परन्तु उसके लिए उसका प्रेम कभी काम नहीं हुआ। 
एक हवा ऐसी होती है , जो मुरझाये हुआ पेड़ में हरियाली भर देती है। 


एक हवा ऐसी भी होती है , जो मुर्दा मन में उमंग भर देती है। ऐसे ही उमंग वाली एक रेल्ली निकली। 

बादशाह का हुकम था यह रेल्ली नहीं निकले , बहुत ही कठोर दिल का था वह बादशाह। 

यह इंद्रा बोलती है कोण है यह बादशाह , क्यों नहीं निकले जलूस को न निकले रेल्ली। 

राजू ने इंद्रा की यह बात सुन ली। भाई कहता है हमारा देश शहंशाह का गुलाम है। 

बहन झंडा बनाने लग जाती है। भाई झंडा ले कर निकलने लगता है।  इंद्रा कहती है में भी चलूँगी। भाई कहता है बहुत दूर जाना है जीजी तुम थक जाओगी। 

बहन कहती है रेल्ली कोण बनयगा फिर।  भाई कहता है नहीं बहन तुम मेरे माथे पे तिलक लगा कर विदा कर दो। 

बहन भाग कर जाती है और एक थाली में चावल और तिलक ला कर भाई की आरती करती है। 

भाई झंडा ले कर निकल जाता है। दूर बादशाह के सिपाही खड़े थे उन्होंने उससे रुकने को कहा परन्तु वह नहीं रुका। 

सिपाहीओं ने उस पर गोली चला दी वह निचे गिर गया। बहन को पता नहीं कैसे पता चला भाई वहा गिरा हुआ है। 

बहन जाती है और अपने भाई को गोद में रख लेती है। भाई बहन को झंडा दे देता है। भाई चला गया।  बहन रोती है परन्तु झंडा हाथ में रखती है। 

बहुत सरे लोग आये भाई को उठा कर ले चलते है।  बहन सबसे आगे झंडा ले कर चल रही थी। 

बादशाह का आदेश था जुलुश नहीं निकले झंडा नहीं निकलगे।  परन्तु झंडा भी निकला और जुलुश भी। 

दोस्तों मुझे नहीं पता यह देश भक्ति की कहानी कहा की है , यह अमेरिका , रूस या फिर भारत कही की भी हो सकती है। 

परन्तु हमे इस कहानी से जो सीख  मिलती है वह ज्यादा मायने रखती है। दोस्तों हमे अपने देश और कर्म के लिए जान भी गवानी पड़े तो कोई हर्ज़ नहीं है। 

दोस्तों क्या आप जानते है हमारे स्वतंत्रता सेनानी किस प्रकार खुद को प्रोत्साहित करते थे। दोस्तों वह लोग देश भक्ति की शायरी गाते और सुनते थे। 

हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे भगत सिंह , राज गुरु  और सुख देव ने खुद का बलिदान कर के अपने देश को आज़ादी दिलवाई है।  हमे उनका सामान करना चाहिए व उन पर गर्व करना चहिये। 

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