सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Short Story on Raksha bandhan in hindi: रक्षा बंधन की कहानियाँ

Short Story on Raksha bandhan in hindi

Short Story on Raksha Bandhan in Hindi-

दोस्तों आज में आपको रक्षा बंधन की short story in hindi में सुनाऊंगा। यह पूरा लेख में मैंने २ प्राचीन कहानी कवर की है।
दोस्तों सावन का महीना आते ही हमे रक्षा बंधन का इंतज़ार रहता है। राखी के त्यौहार का पता तो हमे दवापर काल में ही पता चल गया था। 

भगवान श्री कृष्ण की सूरत देवी नाम की एक चाची थी। उन्होंने शिशुपाल नाम के एक विकृत बच्चे को जन्म दिया था। 

एक दिन आकाशवाणी हुई। उस आकाशवाणी से उन्हें पता चला जिसके स्पर्श से शिशुपाल ठीक होगा उसी के हाथो वह मारा भी जयेगा। 

एक दिन भगवन श्री कृष्ण अपनी चाची से मिलने आये। चाची ने जैसे ही शिशुपाल को कृष्ण के हाथो में दिया। वह बच्चा बिलकुल स्वस्थ हो गया। 

यह नज़ारा देख कर देवी बहुत खुश हो गयी परन्तु शिशुपाल की मिर्त्यु कृष्ण के हाथो होगी। यह सोच कर वह विचलित भी हो गयी। 

देवी ने श्री कृष्ण से एक वचन माँगा। शिशुपाल कितनी भी गलती क्यों ना करे तुम इसको माफ़ कर दोगे। 

श्री कृष्ण वचन देते है। में इसकी १०० गलतिया माफ़ कर दूंगा। १०० से ज्यादा गलती हुई तो में इसे माफ़ नहीं करूंगा। 

शिशुपाल बड़ा हो के एक राजा बना। परन्तु वह एक क्रूर राजा बन गया। वह बात बात पर श्री कृष्ण को चुनौती देने लगा। 

एक दिन शिशुपाल ने भगवन श्रीकृष्ण की भरी सभा में निंदा की और निंदा करते करते वह १०० गलतियाँ पार कर गया। 

जैसे ही उसने १०० गलतिया पार की। भगवान श्री कृष्ण ने उसकी गर्दन सुदर्शन चक्र से काट दी। 

जब भगवन श्री कृष्ण सुदर्शन चक्र को छोड़ रहे थे तो उनकी ऊँगली में भी चोट आ गयी। 

वहाँ खड़े लोग उनकी ऊँगली पे कुछ बांधने के लिए यहाँ वहाँ दौड़ रहे थे। द्रोपदी भी वहीँ पर खड़ी थी। 

उसने कुछ सोचा समझा नहीं सीधे अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड् कर भगवन श्री कृष्ण की ऊँगली पर बांध दिया। 

श्री कृष्ण ने द्रोपदी से कहाँ। शुक्रिया मेरी प्रिये बहना। तुमने मेरे कष्ट में मेरा साथ दिया है। में भी तुम्हारे कष्ट में तुम्हारा साथ दूंगा। 

इसी घटना से रक्षा बंधन के पर्व की शुरुवात हुई। 

जब कोरवो ने भरी सभा में द्रोपदी का अपमान करने की कोशिश की थी। तब भगवन श्री कृष्ण ने द्रोपदी की एक छोटी सी साड़ी के टुकड़े के बदले। 

अनंत लम्बी साड़ी प्रदान की थी। 

तभी से बहने अपने भइओ की कलाई में राखी बांध रही है और भाई अपनी बहनो की रक्षा का वादा देते है।

Also read- Teej story

Raksha Bandhan ki short Kahani in Hindi

Raksha Bandhan ki short Kahani in Hindi-

दोस्तों दूसरी कहानी है एक बार राजा बलि पतलोक में चला गया। वह जा कर उसे एहसास हुआ। 

भगवान यहाँ पर होने चाहिए। बलि कई वर्षो तक भगवन विष्णु की तपश्या की जब भगवन प्रसन हो गए। 

तब बलि ने भगवन से प्राथना की प्रभु उसके महल में हमेशा के लिए बस जाये। भगवन वचन में फस गए थे। वह वापिस नहीं लोटे। 

लक्ष्मी जी भगवन का इंतज़ार कर रही थी। उन्होंने नारद मुनि से पता किया तब उन्हें पता चला। राजा बलि ने उनसे वरदान मांग कर उन्हें वही रोक लिया है। 

माता लक्ष्मी बहुत दुखी हो गयी तब नारद जी माता को उपाय बतया। आप राजा बलि के पास सावन मास की पूर्णिमा को जाओ। 

राजा बलि को रक्षा सूत्र बांध कर अपना भाई बना लो। 

माता लक्ष्मी ने ऐसा ही किया और अपने पति विष्णु जी को वापिस ले कर आयी। तभी से सावन मास के दिन रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाता है।
raksha bandhan ki short story


दोस्तों आपको मेरी short story on raksha bandhan हिंदी में कैसी लगी। मुझे उम्मीद है आपको मेरी कहानी बहुत पसंद आयी होगी। दोस्तों रक्षा बंधन का त्यौहार बहुत ही सुन्दर त्यौहार है इस त्यौहार के ऊपर अनेक कहानियाँ है। परन्तु मेने कुछ प्राचीन कहानियाँ ही बताई है। 

आशा करता हु आप इस बार का रक्षा बंधन का त्यौहार आनद में मनाएगे। 

राखी के त्यौहार की शुभकामनये।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Jai shri Krishna shayari in Hindi, lord Krishna quotes

 Jai shri Krishna shayari in Hindi- दोस्तों जन्माष्टमी का त्यौहार आ रहा है , मन किया क्यों  ना आप सभी लोगो के लिए कुछ शायरी लिखी जाये।   आज  में Jai Shri Krishna Shayari in हिंदी का लेख भगवन श्री कृष्ण के लिए दिल से लिखा है।  दोस्तों आप इन सभी शायरी को whatsapp , instagram , फेसबुक पे शेयर कर सकते है। भगवन श्री कृष्ण बचपन से ही गोपी के साथ रासलीला मनाने के लिए जाने जाते है।  उनकी नटखट लीला आज आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।  आशा है आपको पसंद आएगी। चलिए शायरी सुरु करते है। 1)  बांसुरी बजा कर जो गोपियों को नचाया , कंस जैसे पापी को जो धरा पे गिराया , आओ मनाये उनका जन्मदिन , जिस देव ने गीता जैसे महाग्रंथ का पाठ पढ़ाया। 2) जिन्होंने एक ऊँगली से पहाड़ उठा कर गोकुल को बचाया।  ऐसे भगवन को में प्रणाम करता हु , गीता का उपदेश सुना कर जिन्होंने सरे विश्व को कर्म का पाठ पढ़ाया , उन श्री कृष्ण भगवन को में नमन करता हु। 3) भगत के दिल में जो करे निवास , विश्व के कण कण में है जिनका वास, तीनो लोक के स्वामी हो कर भी जो , वन में चारये गाय , ऐसे है मेरे कृष्ण कन्हैया। 4) बांसुरी की धुन, गुलाब का हार, माखन की मिठ

Desh bhakti ki kahani in hindi: Motivational Story

Desh bhakti ki kahani in hindi-  राजू  नाम का एक लड़का था।  उसे उसकी माँ , बहन और पिता बहुत प्यार करते थे।  एक दिन वह बीमार हो गया। माँ , बहन और पिता जी बहुत चिंतित हो गए। माँ ने बीमारी की वजह से उसका चटपटा खाना बंद कर दिया था।  परन्तु वह बार बार खाने की जिद करता तो उसकी बहन से नहीं रहा जाता था। माँ की नज़रो से बच कर चिल्ली पटैटो ले आयी। राजू अपनी बहन से कहता है , तुम बहुत अच्छी हो इंद्रा।   यह बात अलग थी उसके बाद राजू  का बुखार और ज्यादा हो गया था। पर वह उसको  खिला तो चुकी थी , अपने भाई के मन  के लिए वह  अपने माता पिता के क्रोध  को सहने को तैयार  थी।  भाई ने भी चिल्ली पटैटो की बात किसी को नहीं बताई। कुछ दिनों बाद राजू का बुखार उतर गया। परन्तु इंद्रा के प्रेम की बात भाई के दिमाग में बैठ गयी।  वह इंद्रा के साथ लड़ता झगड़ता परन्तु उसके लिए उसका प्रेम कभी काम नहीं हुआ।  एक हवा ऐसी होती है , जो मुरझाये हुआ पेड़ में हरियाली भर देती है।  Also read -   Jai Shri Krishna Shayari in Hindi एक हवा ऐसी भी होती है , जो मुर्दा मन में उमंग भर देती है। ऐसे ही उमंग वाली एक रेल्ली निकली।  बादशाह का हुकम था यह

Best happy hariyali teej Festival images

Happy hariyali teej images- Hariyali Teej falls on Shukla paksha Tritiya in sharwana month and usually falls two days before nagpanchmi. The festival of Hariyali Teej has dedicated to lord shiva and goddess Parvati. It is believed that goddess Parvati had to take 108 births before lord shiva accepted her love for him on this day of hariyali Teej, which is celebrated as the union of lord shiva and goddess Parvati. Hariyali Teej is also known as Choti Teej or sharvana Teej. Due to the custom of gifting sidhara to her daughter and inlaw, it is also called sidhara Teej. Sidhara is a small bucket of gifts that contain fruits, bangles, and sweets which is sent to the daughter and her in-laws by the parents of the daughter. Traditionally, it was customary for married women to visit their parent house on Hariyali Teej, wearing a full singar like bangles, sindur, jewelry, and red sari. They would then prepare swings, which they would later use in pair while singing special hariyali Teej songs.